उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर यानी आज निधन हो गया है. उनके निधन के बाद राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. उनके निधन ने जनता को हिला का रख दिया है.
बहुत दिनों से बीमार चल रहे थे मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव ने दिल्ली से सटे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली. मुलायम सिंह यादव का पिछले कई दिनों से मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था. उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. मुलायम सिंह यादव 82 साल के थे और मेदांता के ICU में Life Support System पर थे. 9 अक्टूबर यानी कल दोपहर जब मुलायम का 7वां हेल्थ बुलेटिन जारी किया गया, तब भी मुलायम सिंह यादव की हालत नाजुक बनी हुई थी. वह जीवन रक्षक दवाओं और ICU में वेंटिलेटर पर थे. उनके निधन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
सीएम योगी ने जताया दुख
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया और कहा , “उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी का निधन अत्यंत दुखद है. मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और शोक संतप्त परिवार और समर्थकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं.
मुलायम सिंह यादव का व्यक्तिगत जीवन
22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार मुलायम सिंह यादव का जन्म हुआ था. वो देश के तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके है. इसके अलावा वो देश के रक्षा मंत्री भी थे. मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव भी यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. मुलायम सिंह के पिता का नाम सुगर सिंह यादव और माता का नाम मूर्ति देवी था. मुलायम सिंह यादव के पास राजनीति विज्ञान में तीन डिग्री थी, जिसमें इटावा के कर्मा क्षेत्र पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से BA की डिग्री, शिकोहाबाद के एके कॉलेज से बीटी की डिग्री और आगरा विश्वविद्यालय के Bhim Rao Ambedkar Collage से एमए की डिग्री शामिल है.
मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक जीवन
मुलायम सिंह उत्तर भारत के बड़े समाजवादी और किसान नेता हैं. एक साधारण किसान परिवार में जन्मे मुलायम सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत उत्तर प्रदेश में एक विधायक के रूप में की थी. बहुत ही कम समय में मुलायम सिंह का प्रभाव पूरे उत्तर प्रदेश में दिखने लगा. मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के सामाजिक स्तर को ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण कार्य किया. सामाजिक चेतना के कारण उत्तर प्रदेश की राजनीति में ओबीसी का महत्वपूर्ण स्थान है. समाजवादी नेता रामसेवक यादव के एक प्रमुख शिष्य थे और उनके आशीर्वाद से, मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गए और मंत्री बने. 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी का गठन किया. वे 5 दिसंबर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसंबर 1993 से 3 जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. इसके अलावा वे रक्षा मंत्री भी रहे हैं. मुलायम सिंह को उत्तर प्रदेश में यादव समाज के सबसे बड़े नेता के रूप में जाना जाता है. मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश में सामाजिक समरसता बनाए रखने में साहसिक योगदान दिया. मुलायम सिंह की एक धर्मनिरपेक्ष नेता की पहचान है. मुलायम सिंह यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी मानी जाती है. यूपी की सियासी दुनिया में मुलायम सिंह यादव को प्यार से नेताजी कहा जाता है.