उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के ग्यारह बिंदुओं पर होने वाली भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया 5 अक्टूबर को समाप्त हो गई है. प्रशासन जल्द ही रिपोर्ट जिलाधिकारियों को देगा. इसके बाद 25 अक्टूबर तक सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी. इस दौरान मदरसों के सर्वे को लेकर विपक्ष और मुस्लिम धर्मगुरुओं की ओर से सवाल उठाए गए. वहीं सरकार पहले वाली बात को दोहराते हुए अब भी मुस्लिम कल्याण की बात कर रही है. सत्यापन में सरकार ने ग्यारह सूत्रीय रिपोर्ट मांगी है. इसमें मदरसों के शिक्षा पाठ्यक्रम, छात्रों की संख्या, उनकी वर्तमान स्थिति और आय का विवरण शामिल है.
जल्द होगा रिपोर्ट का खुलासा
सरकार ने दावा किया है कि वह इन आंकड़ों के जरिए गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की स्थिति जानेगी और उन्हें योजनाओं से जोड़ेगी. वहीं, सरकार की मंशा पर विपक्ष ने इसे भेदभाव की राजनीति बताया. प्रशासन अब 10 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को देगा.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 15,613 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं. वहीं, गैर-मान्यता प्राप्त सरकार के पास कोई डेटा उपलब्ध नहीं है. सरकार ने बताया कि, “यह Survey पूरी तरह सफल रहा और इसमें सभी धर्मगुरुओं और मौलानाओं ने सहयोग दिया है. आज के मुसलमान को प्रगति पसंद है, सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर सरकार मदरसों की स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाएगी. किसी ने इस पर कोई आपत्ति होनी चाहिए. इस बीच रिपोर्ट्स में यह बात सामने आ रही है कि Survey में शामिल किए गए मदरसा सर्वे के प्रश्न संख्या 9 को लेकर कुछ मदरसों में तनाव है. इन मदरसों को डर है कि कहीं योगी आदित्यनाथ सरकार की बुलडोजर कार्रवाई न हो जाए. सवाल यह भी उठ रहा है कि सर्वे में प्रासंगिक सवाल नहीं पूछे गए.
सरकार ने दिया सवालों का जवाब
सर्वे को लेकर विपक्ष के सवालों पर उन्होंने कहा, ”उनका मकसद सिर्फ राजनीति करना था न कि मुस्लिम बच्चों की तरक्की के लिए. वे नहीं चाहते कि उन्हें अच्छी शिक्षा मिले. सर्वे के बाद छात्रों की तरक्की सभी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का किया जाएगा. सुधार पर सरकार चलती है. जहां शिकायत आती है, कार्रवाई की जाएगी. हमने एक-दूसरे से बात करके सभी का सहयोग लिया है और इस पर विपक्ष के कुछ लोगों ने ही बदनाम करने के लिए सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता सुनील राजपूत ने कहा कि यदि सरकार के सर्वेक्षण के अनुसार गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में कोई अनियमितता नहीं है तो उन्हें सरकारी बनाया जाए. अनुदान दिया जाए और बच्चों को मध्याह्न भोजन मिले.
साथ ही उनका दावा है कि बीजेपी हिंदू-मुसलमान करने के लिए ऐसा सर्वे करती है. सरकार की नीयत ठीक होती तो मदरसों की हालत अब तक सुधर जाती.