र्गाष्टमी के दिन यानि 3 अक्टूबर को वायु सेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए वायुसेना के 90वें स्थापना दिवस पर जोधपुर में हुए कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वायु सेना को एक बड़ी सौगात देते हुए LCH हेलीकॉप्टर को एयरफोर्स में शामिल किया. बता दें 2010 में बनना शुरू हुआ था, और कई ट्रायल के बाद 12 साल बाद अब परफेक्शन के रूप में उभर कर सामने आया है और ये देश वासियों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है .जमीनी और पहाड़ी लड़ाई में स्वदेशी चॉपर LCH दुश्मनों के छक्के छुड़ा देगा. खास बात ये है कि वायु सेना के पहले स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर LCH सीमा के करीब जोधपुर में तैनात किए जाएंगे. ये हेलीकॉप्टर आत्मनिर्भर भारत की एक ऐसी तस्वीर है जिसे देख सभी देश वासियों को गर्व होगा.
दुश्मनों का नामों निशान मिटा देगा LCH
वायु सेना को लगातार मजबूती देने में केंद्र सरकार कई कदम उठाते आई है और अब इंडियन एयरफोर्स में एक और हथियार शामिल कर वायु सेना की शक्ति को और बढ़ा दिया है. आपको बता दें LCH ना कि जमीनी बल्कि पहाड़ी इलाकों की लड़ाई में भी पूरी तरह सक्षम है, इस स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर को देख दुश्मन देशों की नींद उड़ गई होगी क्योंकि पलक झपकते ही वायु सेना का जाबांज सिपाही LCH दुश्मनों का नामों निशान मिटा देने की ताकत रखता है. चलिए जानते हैं स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर की खूबियों के बारे में.
LCH हेलीकॉप्टर की खासियत
180 डिग्री पर स्थिर और 360 डिग्री पर पलट वार करने में सक्षम
एलसीएच हेलीकॉप्टर का वजन 6 टन है जिसके चलते ये काफी हल्का है. वजन हल्का होने की वजह से LCH ऊंचाई वाले इलाकों में अपनी मिसाइल और दूसरे हथियारों से लैस होकर आसानी से टेक ऑफ और लैंड कर सकता है.
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर में फ्रांस से मंगाई गई ‘ मिस्ट्रल’ एयर टू एयर यानि की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल और हवा से जमीन पर मार करने वाले मिसाइल से लैस है.
इसमें 70 एमएम के 12- 12 रॉकेट के दो पॉड लगे हुए हैं.
एलसीएच की बॉडी इस प्रकार की बनी हुई है कि इसपर गोली का कुछ खास असर नहीं होगा.
एलसीएच के आगे एक 20 एमएम की गन लगी हुई है जो 110 डिग्री में किसी भी तरफ घूम सकने में सक्षम है. और इसकी फायरिंग रेंज 2 किमी. तक है.
800 गोली प्रति मिनट इसकी फायरिंग क्षमता है.
इस हेलीकॉप्टर में दो पायलट की बैठने की सुविधा है और पायलट के हेलमेट पर भी कॉकपिट के सभी फीचर्स डिस्प्ले होते हैं.
इसमें ऐसे फीचर्स हैं जिससे ये आसानी से दुश्मनों की रडार में पकड़ में नहीं आएगा.
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर की लंबाई 51.10 फीट है. इसकी रफ्तार 268 किलोमीटर घंटा है एक बार में ये सवा तीन घंटे उड़ान भरने की क्षमता रखता है.
1999 में हुए कारगिल युद्ध में ऐसे हल्के अटैक हेलीकॉप्टर की कमी महसूस की गई थी जिसके बाद से ही भारत ने मन बना लिया था की 15 से 16 हजार फीट ऊंचाई से दुश्मन के बंकर्स को तबाह कर देने वाला अटैक हेलीकॉप्टर तैयार किया जाएगा.
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ऊंची चोटियों से मिशन को देगा अंजाम
जानकारी के लिए बता दें इससे पहले भारत ने अमेरिका से बेहद एडवांस अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे खरीदा है, लेकिन कारगिल और सियाचिन की चोटियों पर इसे टेक ऑफ और लैंडिंग में काफी दिक्कत होती है. बेहद हल्का होने के कारण एलसीएच हेलीकॉप्टर ऊंची चोटियों पर मिशन को अंजाम देने में सक्षम है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी ने पंद्रह स्वदेशी लाइट अटैक हेलीकॉप्टर खरीदने की इजाजत दी थी , 3387 करोड़ में ये हेलीकॉप्टर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल)से खरीदा गया है. फिलहाल जिसमें से 10 हेलीकॉप्टर वायु सेना में और 5 थलसेना में शामिल किया गया है.
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जोधपुर में क्यों तैनात किया गया LCH
पश्चिमी सीमा राजस्थान में लड़ाकू विमान की कमी महसूस हो रही थी और जोधपुर सबसे पुराना एयरबेस है, सबसे प्रमुख बात की पाकिस्तान बॉर्डर का होना इसलिए जोधपुर में LCH को तैनात करने का फैसला किया गया.