45 साल पहले भारतीय संसद ने “AFSPA” यानी सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम 1958 बनाया था, जो एक सैन्य कानून है, जिसे “अशांत” क्षेत्रों में लागू किया जाता है, यह कानून सुरक्षा बलों और सेना को कुछ विशेष अधिकार देता ह. जहां AFSPA लागू होता है, वहां सशस्त्र बलों के अधिकारियों को जबरदस्त शक्तियां दी जाती हैं. वहीं,केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश और उसके आसपास के इलाकों की फिर से समीक्षा की है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बढ़ाई AFSPA
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम 1958 (AFSPA) को और 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है. यह फैसला अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड की सुरक्षा समीक्षा के बाद लिया गया है. गृह मंत्रालय ने इसे अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों तक बढ़ा दिया है. इसके साथ ही नामसाई जिले के नामसाई और महादेवपुर में अफस्पा
का विस्तार किया गया है.
इन जगहों पर बढ़ा AFSPA
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, AFSPA की अवधि 1 अक्टूबर से नौ जिलों – दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक, पेरेन और जुन्हेबोटो और नागालैंड, कोहिमा के चार अन्य जिलों में बढ़ाई जाएगी. मोकोकचुंग, लोंगलेंग और नागालैंड. वोखा के 16 थानों में छह माह के लिए बढ़ाई जाएगी अवधि
‘अशांत क्षेत्र’ का किया ऐलान
गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों के साथ नामसाई और महादेवपुर पुलिस थानों के क्षेत्रों में आने वाले स्थानों को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया है. ऐसा आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट 1958 की धारा 3 के तहत किया गया है. इस वजह से यहां अफस्पा को अगले 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.
इसके अलावा नागालैंड के 9 जिलों और 4 जिलों के 16 थानों को भी इस दौरान ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया गया है. इन जगहों पर भी सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम 1958 को अगले 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के 12 जिलों और दोनों राज्यों के पांच अन्य जिलों के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्र की अवधि छह महीने के लिए बढ़ा दी गई है. सशस्त्र बल अधिनियम, 1958 सुरक्षा बलों को बिना किसी पूर्व वारंट के ऑपरेशन करने और किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है.