RBI सख्त कदम उठाते हुए बैंकों के लाइसेंस रद्द करती आई है. इस साल RBI की गाज दर्जनों बैंकों पर गिरी है. अगर RBI के गाइडलाइंस के तहत बैंक काम नहीं करती है तो RBI उस बैंक का लाइसेंस रद्द कर देती है. आज हम विस्तार से बताएंगे आखिर क्यों आरबीआई बैंकों के लाइसेंस खारिज कर देती है और बैंक बंद हो जाते हैं.
क्या करती है RBI
आरबीआई को बैंकों का बैंक कहा जाता है ये सभी बैंकों का खाता रखता है. RBI करेंसी नोट छापता भी है और रेग्युलेट भी करता है. इसे सरकार का बैंकर भी कहा जात है. RBI बहुत से काम करती करती है. लेकिन आज बात हो रही है कि बैंकों के क्यों लाइसेंस रद्द किए गए हैं क्या वजह है जो बैंकों के लाइसेंस आरबीआई रद्द कर देती है.
क्यों रद्द होते हैं लाइसेंस
जब बैंक ठीक से काम नहीं करते RBI के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हैं और आरबीआई को लगता है कि इससे खाताधारकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है तो वह सख्त कदम उठाते हुए उस बैंक का लाइसेंस रद्द कर देती है. जब किसी बैंक का लाइसेंस खारिज होता है तो इसका सीधा मतलब ये नहीं है की उस बैंक की वित्तीय स्थिति खराब है . गैर वित्तीय वजहों से लाइसेंस रद्द होने की स्थिति में खाताधारकों के हितों की सुरक्षा होती है. जब आरबीआई को लगता है कि बैंक के पास पूंजी नहीं बची है और आगे उसके कमाने के कोई आसार नहीं है तो वह इस बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर देती है. और उस बैंक के सारे ब्रांच बंद हो जाते हैं.
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खाताधारकों को कैसे मिलता है पैसा वापस
बैंक पर ताला लगने से पहले RBI जमाकर्ताओं को सूचित करती है कि अपने सारे पैसे बैंक से निकल ले. अगर कोई बैंक दिवालिया घोषित होता है तो बैंक की संपत्ति बेचकर खाताधारकों का भुगतान किया जाता है. और इस समस्या से निपटने के लिए संसद ने एक डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) एक्ट 1961 नामक कानून बनाया है. इस कानून के तहत भारतीय रिजर्व बैंक के एक स्वामित्व वाली सहायक संगठन बनाया गया जिसका नाम है डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ये संगठन बैंक में जमा पूंजी पर इंश्योरेंस कवर करती है. इसमें बैंक के दिवालिया होने पर या लाइसेंस रद्द होने पर पांच लाख रुपये तक की धन राशि का भुगतान जमाकर्ताओं को किया जाता है. अगर पांच लाख के ऊपर बैंक में जमा किया है तो उसका भुगतान बैंक नहीं करता है यानी की 5 लाख के ऊपर की राशि डूब जाती है. इस साल बंद होने वाले सारे बैंक कोऑपरेटिव बैंक हैं.
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