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Kahani Devraha Baba Ki | देवरहा बाबा के कदमों में झुकते थें बड़े बड़े राजनेता

भारत देश ऋषि मुनियों और महापुरुषों का देश माना जाता है. आज हम एक ऐसे ऋषि मुनि के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका आशीर्वाद लेने इंदिरा गांधी से लेकर भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद तक जाते थे.

देश के एक ऐसे संत महापुरुष सिद्ध पुरुष जिनके आशीर्वाद से इंदिरा गांधी बनी प्रधानमंत्री डॉ राजेंद्र प्रसाद बने देश के पहले राष्ट्रपति जो रहते थें 12 फूट ऊंची मचान पर और पैरों से देते थें आशीर्वाद. हम बात कर रहे हैं देवरहा बाबा के बारे में. देवरहा बाबा उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के थें इसलिए उनका नाम देवरहा बाबा पड़ा. देवरहा बाबा के बारे में कई रहस्य हैं. कहा जाता है देवरहा बाबा को पानी पर चले की सिद्धि प्राप्त थी. देवरहा बाबा के रहस्य और चमत्कारों के बारें में कई बातें हैं जो आज हम आप को अपनी इस रिपोर्ट में बताएंगे.

कदमों में झुकते थें राजनेता

भारत के एक ऐसे संत महापुरूष जिनके कदमों में झुकते थें देश के बड़े से बड़े राजनेता एक ऐसे बाबा जो जब तक जिंदा रहे विज्ञान के लिए एक चुनौती बने रहे. और मृत्यु में बाद दुनिया के लिए आज भी बने हुए हैं एक रहस्य. हम बात कर रहे हैं देवरहा बाबा की. देवरहा बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में हुआ था, लेकिन उनका जन्म किस तारीख और किस सन में हुआ ये किसी को नहीं पता. अगर आप से कोई पूछे की कोई व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा कितने साल तक जीवित रह सकता है तो आप का जवाब होगा 100 साल या फिर ज्यादा से ज्यादा 120 साल. लेकिन देवरहा बाबा के बारे में कहा जाता है कि वे 900 तक इस जिंदा रहें. कोई कहता है 200 साल तो कोई बताता है उनकी उम्र 500 थी. क्या सच में कोई इतने सालों तक जिंदा रह सकता है देवरहा बाबा की उम्र पर आज भी रहस्य बना हुआ है. खुद देश के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने उनकी उम्र पर मुहर लगाई थी. उन्होंने कहा था बात 1887 की है जब वे 3 साल के थें तो अपने पिता जी के साथ बाबा का आशिर्वाद लेने गए थें, तब भी बाबा की उम्र काफी थी. यहां तक कि ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम भी 1911 में भारत यात्रा के दौरान बाबा देवरहा से आशीर्वाद लेने आए थें. उन्होंने अपनी आत्मकथा में इस बात का जिक्र किया है और बाबा की उम्र काफी बताई है.

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ना खाते थें ना पीते थें पानी

12 फिट की चार लकड़ियों के सहारे से खड़ी एक मचान पर रहते थें देवरहा बाबा और अपने भक्तों को पैरों से देते थें आशीर्वाद. बाबा की किसी चमत्कार का दूसरा रूप माना जाता था. देवरहा बाबा सभी संतों से अलग थें. देवरहा बाबा की उम्र के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है इनकी उम्र आज भी एक पहेली है. लोगों का कहना है उनके बारे में लोग इतना जानते थें कि वे अचानक आकार एक मचान पर रहने लगे कभी कभार ही वे मचान से उतरते थें ना तो उन्हें कभी किसी ने खाना खाते देखा ना पानी पीते.

पानी पर चलते थें बाबा

देवरहा बाबा ने कभी भी अपनी सिद्धि या चमत्कार का कोई दवा नहीं किया. लेकिन इनके भक्त कई दावे करते आए हैं किसी का कहना था कि वे पानी पर चलकर नदी पार कर सकते दें तो कुछ का कहना है की बाबा घंटो नदी के अंदर बैठे रहते थें. बाबा इतने प्रसिद्ध थें कि उनके भक्तों की लिस्ट में इंदिरा गांधी , राजीव गांधी, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, डॉ राजेंद्र प्रसाद, अटल बिहारी वाजपेई जैसी हस्तियां शामिल थीं. कहते हैं इमरजेंसी लागू होने के बाद जब इंदिरा गांधी चुनाव हार गई तो वे देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने गई बाबा ने उन्हें अपने हाथ के पंजे से आशीर्वाद दिया जिसके बाद इंदिरा गांधी ने अपने पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा रखा और उसके बाद हुए चुनाव में उनकी भारी मतों से जीत हुई. ऐसे कई चमत्कार देवरहा बाबा के द्वारा देखा गया. बाबा ने 1990 में आखिरी सांस ली. लेकिन आज भी उनके चमत्कारों के चर्चे चारों तरफ होते हैं. और उनकी उम्र आज भी विज्ञान के लिए एक पहेली.

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12 फिट की चार लकड़ियों के सहारे से खड़ी एक मचान पर रहते थें देवरहा बाबा और अपने भक्तों को पैरों से देते थें आशीर्वाद. बाबा की किसी चमत्कार का दूसरा रूप माना जाता था. देवरहा बाबा सभी संतों से अलग थें. देवरहा बाबा की उम्र के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है इनकी उम्र आज भी एक पहेली है. लोगों का कहना है उनके बारे में लोग इतना जानते थें कि वे अचानक आकार एक मचान पर रहने लगे कभी कभार ही वे मचान से उतरते थें ना तो उन्हें कभी किसी ने खाना खाते देखा ना पानी पीते.

पानी पर चलते थें बाबा

देवरहा बाबा ने कभी भी अपनी सिद्धि या चमत्कार का कोई दवा नहीं किया. लेकिन इनके भक्त कई दावे करते आए हैं किसी का कहना था कि वे पानी पर चलकर नदी पार कर सकते दें तो कुछ का कहना है की बाबा घंटो नदी के अंदर बैठे रहते थें. बाबा इतने प्रसिद्ध थें कि उनके भक्तों की लिस्ट में इंदिरा गांधी , राजीव गांधी, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, डॉ राजेंद्र प्रसाद, अटल बिहारी वाजपेई जैसी हस्तियां शामिल थीं. कहते हैं इमरजेंसी लागू होने के बाद जब इंदिरा गांधी चुनाव हार गई तो वे देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने गई बाबा ने उन्हें अपने हाथ के पंजे से आशीर्वाद दिया जिसके बाद इंदिरा गांधी ने अपने पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा रखा और उसके बाद हुए चुनाव में उनकी भारी मतों से जीत हुई. ऐसे कई चमत्कार देवरहा बाबा के द्वारा देखा गया. बाबा ने 1990 में आखिरी सांस ली. लेकिन आज भी उनके चमत्कारों के चर्चे चारों तरफ होते हैं. और उनकी उम्र आज भी विज्ञान के लिए एक पहेली.

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