गणित एक सर्वाधिक व्यापक और हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली विषय है. गणित की महत्वता और गणित को अधिक मनोरंजक बनाने के लिए लोगों को गणित के प्रति जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं. गणित की प्रतिभा के धनी श्रीनिवास रामानुजन जी के जन्मदिन को भारत में प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है. रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 में हुआ था, और तपेदिक से सिर्फ 32 साल की उम्र में ही उनका देहांत हो गया था. अपनी इतनी छोटी सी आयु में ही उन्होंने दुनिया को गणित के 3500 सूत्र दिए थे. जिन्हें आज के महान गणितज्ञ भी नहीं समझ पा रहे हैं. राष्ट्रीय गणित दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है, कि मानवता के विकास में गणित के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए. राष्ट्रीय गणित दिवस पहली बार सन 2012 में 22 दिसंबर को मनाया गया था, तब से यह प्रत्येक वर्ष भारत में 22 दिसंबर को मनाया जाता है.
गणित दिवस मनाने का कारण
महान भारतीय गणितज्ञ और गणित के पुरोधा आर्यभट्ट ने पहली बार पाई का दशमलव के चार अंको का सही मान पूरे विश्व को बताया था.
चतुराधिक शतमष्टगुण दवाश्तिष्टस्तथा सहस्राणम
अयुतद्यस्य विष्कम्भस्य आस्न्नौ वृतपरिणाह
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अर्थात:-
62832 परिधि वाले वृत का व्यास 20000 होगा. π = परिधि/व्यास = 62832/20000 = 3.1416
जिस प्रकार पाई अनंत अंक तक चलने वाली एक संख्या है, उसी प्रकार गणित के क्षेत्र में भी भारतीय गणितज्ञों का योगदान अनंत है. भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने पूरी धरती की परिधि, गोले का आयतन, क्षेत्रफल निकालने की विधि का प्रतिपादन किया, और साथ ही संख्या को अक्षरों, स्वर और व्यंजनों की सहायता से लिखने का भी खोज किया था.
गणित दिवस का महत्व
गणित की सभी विधाओं में अपना योगदान देने के लिए आज समस्त विश्व भारत का ऋणी है, हमारे भारत में ही नहीं बल्कि समस्त विश्व में प्रत्येक वर्ष महान गणितज्ञ निवास रामानुजन के जन्मदिन 22 दिसंबर को गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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गणित दिवस मनाने का उद्देश्य
महान गणितज्ञों का यह मानना है, कि मानव जीवन के विकास में गणित का अत्यधिक महत्व है. गणित के प्रति लोगों को जागरूक करना इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य होता है. समस्त विश्व में विख्यात महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन ने गणित को आसान बनाने और लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए. गणित के शिक्षकों को इसे आसानी से समझाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है. जिस कारण उनके जन्मदिन के दिन को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है.