भारत के इतिहास में पहली बार समुद्र का एक ऐसा सिपाही भारतीय नौसेना में शामिल हुआ जिसे देख दुश्मनों के होश उड़ जायेंगे. 2 सितंबर शुक्रवार को भारतीय नौसेना में स्वदेशी विमान वाहन पोत INS विक्रांत शामिल हुआ. पीएम मोदी ने आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना को समर्पित कर दिया. INS विक्रांत के आ जाने से देश की ताकत दुगनी हो गई है.
भारतीय नौसेना की ताकत हुई दुगनी
INS विक्रांत के इंडियन नेवी में शामिल हो जाने से देश का गौरव का बढ़ा है. बता दें ये भारत में बनाया गया और डिजाइन किया गया पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है. पीएम मोदी ने कोच्चि में भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को नौसेना को समर्पित कर दिया. भारत के पास पहले से ही एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रमादित्य मौजूद है. विक्रांत के आ जाने के बाद भारतीय नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ गई. जिसे देख पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान में बौखलाहट जरूर पैदा हो गई होगी. चलिए बताते हैं INS विक्रांत में ऐसी क्या खासियत है जो इसे इतनी ताकतवर बनाती है.
INS विक्रांत की खासियत
एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लंबा और लगभग 15 मंजिला इमारत इतना ऊंचा है INS विक्रांत देखने में किसी भव्य नजारे से कम नहीं है. वजन में ये 40 हजार टन का है. लगभग 23 हजार करोड़ की लागत से बना आईएनएस विक्रांत अपनी विशाल ताकत के साथ देश के दुश्मनों से रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है. इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर मिग 29 और तेजस जैसे लड़ाकू विमान तैनात किए जा सकते हैं. इसके अलावा इसपर सी किंग चेतक हेलीकॉप्टर जैसे कई फाइटर प्लेन भी इस पर मौजूद रहेंगे.
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इसकी ताकत के आगे दुश्मन टेकेंगे घुटने
आईएनएस विक्रांत एक दिन में समुंद्र में 500 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है और एक साथ कई मिशन को अंजाम देने में सक्षम है. आप को जब हम इसकी और खूबियों के बारे में बताएंगे तो आप को भी INS विक्रांत पर गर्व महसूस होगा. बता दें इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर 1700 लोगों का खाना बन सकता है. ये विशाल युद्धपोत 40 एयरक्राफ्ट का क्षमता रखता है. 15 मंजिला इस एयरक्राफ्ट पर कैफेटेरिया के साथ साथ मनोरंजन के भी साधन हैं. उसमें 1500 से 1700 नौसैनिक कई महीनों तक रह सकते हैं. पावर सप्लाई करने की क्षमता इसमें इतनी है कि इससे पूरे कोच्चि शहर को बिजली दिया जा सकता है.
1999 में देखा गया सपना हुआ
जानकारी के लिए बता दें इसे बनाने का ऐलान साल 1999 में किया गया था, 2009 में कैरियर की नींव रखी गई फिर 2013 में इसका ढांचा बनकर तैयार हो गया उसके बाद 2020 में ये पूरी तरह बनकर तैयार हो गया फिर 2021 में ट्रायल किया गया और अब साल 2022 में ये एक्शन के लिए पूरी तरह तैयार है.
कहा जाता था भारत एक सूई भी विदेश से मांगता है. ऐसे में आईएनएस विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर का पूरी तरह अपने देश में बनना इस कहावत को पूरी तरह गलत साबित करता है. अब भारत के पास अपने देश में बना हिंद महासागर का एक ऐसा रखवाला है जो सभी चुनौतियों को मात देने का दमखम रखता है.