गणेश चतुर्थी प्रतिवर्ष भाद्रपद के महीने में मनाई जाती है, गणेश चतुर्थी को भगवान श्री गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी का त्यौहार चातुर्मास में मनाया जाता है. चतुर्मास के यह चार महीने पूजा अर्चना की दृष्टी से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. इन दिनों बहुत से धार्मिक उत्सव किये जाते हैं.
गणेश चतुर्थी कब और कहाँ मनाई जाती है?
भाद्रपद के महीने में शुक्ल पक्ष चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन से दस दिनों तक गणेश पूजा करके गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी पूरे भारत में मनाई जाती है, परंतु महाराष्ट्र में श्री गणेश पूजा का विशेष महत्व होता है. महाराष्ट्र में पुरे रीती रिवाजों के साथ गणेश जी की स्थापना की जाती हैं, और उनका पूजन किया जाता हैं. और गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है.
2022 में कब मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी जाने शुभ मुहूर्त
गणेश पूजा की तारीख – 31 अगस्त 2022
गणेश पूजा का मुहूर्त – 11:11 से 13:41
कुल समय – 2 घंटे 29 मिनट
गणेश चतुर्थी व्रत का महत्व
गणेश चतुर्थी व्रत के कई महत्व होते हैं, जो इस प्रकार हैं:-
- भगवान श्रीगणेश जी की पूजा करने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है.
- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार गणेश जी की पूजा करने से संतान प्राप्ति होती है.
- बच्चों की लंबी उम्र के लिए माताएं श्री गणेश जी की पूजा आराधना करती है.
- शादी जैसे कार्यों के लिए श्री गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है.
- किसी भी प्रकार की पूजा का सफल होने में श्री गणेश जी के पूजन का अत्यधिक महत्व होता है.
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श्री गणेश जी के अचूक मंत्र
गणेश चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश जी के विशेष मंत्रों का जाप करने से जीवन की प्रत्येक मुश्किल दूर हो सकती है. आप अपनी सभी समस्याओं के समाधान के लिए गणेश के मंत्रों का जाप कर सकते हैं. जो नीचे कुछ इस प्रकार दिए गए हैं:-
- किसी भी प्रकार की बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए- ” ॐ गं गणपतये नमः “
- शिक्षा में सफलता पाने के लिए- “ॐ गं गणपतये वरवरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा”
- स्वास्थ्य और रक्षा के लिए – “वक्रतुण्डाय हुं”
श्री गणेश चतुर्थी व्रत पूजा विधि
- सर्वप्रथम जहां गणेश जी की स्थापना करनी होती है, वहां ईशान कोण में स्वच्छ स्थान पर रंगोली बनाई जाती है, जिसे चौक पुरना कहते हैं.
- उसके पश्चात उसके ऊपर पाटा या चौकी रख कर उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछाया जाता है.
- अब उसके ऊपर केले के पत्ते को रखकर भगवान श्री गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है.
- और एक पान पर सवा रूपये रखकर पूजा की सुपारी रखी जाती हैं.
- उसके बाद एक कलश रखा जाता है, जिसमें नारियल को रख कर, उस कलश के मुख में लाल धागा बांधा जाता हैं. यह कलश पुरे दस दिन तक ऐसे ही रखा रहता है.
- और फिर उसके पश्चात क्लच की पूजा की जाती हैं, जिसमे जल, कुमकुम, चावल चढ़ा कर पुष्प अर्पित किये जाते हैं.
- कलश के बाद गणेश देवता की पूजा की जाती हैं. उन्हें भी जल चढ़ाकर वस्त्र पहनाए जाते हैं, और कुमकुम एवम चावल चढ़ाकर पुष्प समर्पित किये जाते हैं.
- इसके बाद भगवान श्रीगणेश को मोदक का भोग लगाया जाता है.
- और भगवान श्री गणेश की विधि पूर्वक आरती की जाती है और इसके बाद प्रशाद वितरित किया जाता हैं.
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भारत में गणेश जी के प्रसिद्ध मंदिर के नाम और वह कहां स्थित है?
- सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
- आदि विनायक मंदिर, तमिल नाडु
- रणथंभौर गणेश मंदिर, राजस्थान
- श्रीमंत दगदूशेठ हलवाई गणपति मंदिर, पुणे
- गणेश टोक मंदिर, सिक्किम
- खजराना गणेश मंदिर, इंदौर