Dussehra Essay in Hindi – दशहरे पर निबंध

आज हम आपको Dussehra Essay in Hindi – दशहरे पर निबंध (dussehra par nibandh) के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.

जैसा कि हम सभी जानते हैं, दशहरा हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, इसके अलावा, दशहरा सबसे लंबे दिनों तक चलने वाले त्योहारों में से एक है, पूरे देश में लोग बड़े उत्साह और प्रेम के साथ दशहरा मानते हैं, दशहरा (Dussehra) को भारत के कई प्रान्त में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है, दशहरा का पावन समय सभी के लिए खुशी मनाने का समय होता है, छात्रों को इस त्योहार का पूरा आनंद लेने के लिए अपने स्कूलों और कॉलेजों से दस दिन की लंबी छुट्टियां भी मिलती हैं, जिसका छात्र भरपूर आनंद उठाते हैं, बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे, और उन्हें दशहरा के बारे में पूर्ण जानकारी भी मिल सके, दशहरा पर निबंध (dussehra par nibandh) के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि दशहरा क्यों और कैसे मनाया जाता है.

प्रस्तावना – 

दशहरा दिवाली से दो या तीन हफ्ते पहले मनाया है, विजयदशमी का यह त्यौहार आमतौर पर प्रत्येक वर्ष सितंबर से अक्टूबर के आसपास आता है, हिन्दू पंचांग के अनुसार यह पर्व आश्विन मास में मनाया जाता है, सनातन/हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी लोगों को दशहरा त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है, दशहरा का त्यौहार सभी के लिए खुशी मनाने का समय लेकर आता है. परिवार के सभी लोग मिलकर पूजा के लिए तैयारी करते हैं.

दशहरे से संबंधित पौराणिक कथाएं – 

दशहरा शब्द दो हिंदी शब्दों ‘दस’ और ‘हारा ‘ से मिलकर बना हुआ है, जहाँ दस का अर्थ 10 मुख वाले रावण से है, और हारा का मतलब सत्यानाश/पराजित है, इसलिए यदि इन दो शब्दों को जोड़ दिया जाए तो ‘दशहरा’ बनता है, जो उस दिन का प्रतीक है, जब दस सिर वाले दुष्ट रावण का भगवान राम ने वध किया था, और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी, दशहरा को भारत के कुछ क्षेत्रों में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है, यदि हम क्षेत्रीय और जातीय मतभेदों को अलग रखकर विचार करें, तो इस त्योहार के आयोजनों का एक ही मकसद है, यानी बुराई पर अच्छाई की जीत का सन्देश देना होता है. दूसरे शब्दों में, यह त्योहार बुराई की शक्ति पर अच्छाई की शक्ति की जीत का प्रतीक माना जाता है, अगर हिंदू पौराणिक कथाओं कि मानो तो कहा जाता है, कि इसी दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध कर दिया था, अन्य परंपराओं का यह भी मानना है, कि भगवान राम ने दशहरा के दिन ही असुरों के महान राजा 10 मुख अर्थात रावण से युद्ध कर उसका वध कर यह सिद्ध किया था. कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों ना हो लेकिन जीत हमेशा सत्य की की ही होती है.

दशहरा समारोह मनाने का कारण – 

पूरे भारत में लोग दशहरा को बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाते हैं, विभिन्न संस्कृतियां होने के बावजूद त्योहार के उत्साह को प्रभावित नहीं करती हैं, दशहरा (विजयदशमी) के पूरे त्योहार में सभी का उत्साह और जोश एक समान रहता है, विजयदशमी के अवसर पर, बंगाली बिजॉय दशमी मनाते हैं, जो दुर्गा पूजा के दसवें दिन का प्रतीक है, इस दिन, देवी की मूर्तियों को नदी में विसर्जित करने के लिए जुलूस के साथ ले जाया जाता है, और विसर्जन किया जाता है, विवाहित महिलाएं भी एक-दूसरे के चेहरे पर सिंदूर लगाती हैं, जबकि अन्य स्त्रियां बधाई का आदान-प्रदान करती हैं, और एक दूसरे को दावत देती हैं, कुछ जगहों पर इसी दिन शस्त्र पूजा करने की भी परंपरा है,ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है, जिसकी जानकारी प्रत्येक बच्चे को होनी चाहिये, ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण में ऐसा उल्लेख किया गया है, कि भगवान राम ने रावण का वध करने के लिए देवी चंडी की पूजा की थी, जिसके बाद ही अमरता का वरदान प्राप्त रावण वध करना संभव हो सका था.

सम्बंधित : – बसंत पंचमी पर निबंध

रामलीला का आयोजन – 

हिंदू धर्म में दशहरा राक्षसों के राजा रावण (दस मुख) पर भगवान राम की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, लोग दशहरा को दस दिनों तक उनके बीच हुए युद्ध को नाटक के रूप में ज्ञान और मनोरंजन के लिए रामलीला नाटक को प्रस्तुत करते हैं, उत्तर भारत में लोग मुखौटे पहनकर और विभिन्न नृत्य रूपों के माध्यम से राम-लीला का आयोजन करते हैं, साथ ही रामलीला का लुफ्त भी उठाते हैं.

रावण दहन – 

रामायण में कथित छंद का पालन करते हुए, रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण जैसे तीन बड़े राक्षसों के विशाल आकार के पुतले बनाए जाते हैं, इसके बाद पुतलों को जलाने के लिए उनमे विस्फोटक पटाखे से भरा जाता है, और जमकर आतिशबाजी की जाती है, एक आदमी भगवान राम की भूमिका निभाता है, और जलाने के लिए पुतलों पर आग लगे हुए तीर चलाता है, लोग आमतौर पर किसी मुख्य अतिथि को भगवान राम की भूमिका निभाने और उस पुतले को जलाने के लिए आमंत्रित करते हैं, यह आयोजन हजारों दर्शकों के उपस्थिति में खुले मैदान में सुरक्षा को ध्यान में रख कर किया जाता है, हर उम्र के लोग इस मेले का लुत्फ उठाने के लिए यहाँ उपस्थित होते हैं, बच्चे इस आयोजन का सबसे ज्यादा इंतजार करते हैं, और अपने माता-पिता से आतिशबाजी को देखने के लिए ले जाने की जिद करते हैं,दशहरा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व होता है, ना सिर्फ हिंदू बल्कि सभी धर्मों के लोग रावण दहन को देखने के लिए आते हैं रावण दहन का यह कार्यक्रम लोगों को मैदान में एक साथ एकत्रित करता है, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है, कि दशहरा हमें सिखाता है, बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों ना हो अच्छाई एक ना एक दिन उसे मात दे ही देती है और प्रकाश हमेशा अंधेरे पर विजय प्राप्त करता है.

दशहरे से सीख – 

हम सब मैदान में एकत्रित होकर रावण का पुतला जला कर यह तो साबित कर देते हैं, कि सच्चाई हमेशा बुराई पर हावी होती है, लेकिन अपने अंदर के बुराई को खत्म करने के बारे में नहीं सोचते, विजयादशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक पर्व है, लोगो को इस दिन अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त कर खुशी के साथ यह पर्व मनाना चाहिए, वो सतयुग का दौर था, जिसमें केवल एक रावण था, जिसपर भगवान राम ने विजय प्राप्त की थी पर यह तो कलयुग है, जिसमे हर घर में रावण छुपा बैठा है, इतने रावण पर विजय प्राप्त करना आसान नहीं है, जिस प्रकार एक दीपक की रौशनी अंधकार का नाश करने के लिए अधिक होती है, ठीक उसी प्रकार एक अच्छी विचारधारा वाली सोच यह हमारे लिए बहुत है, अपने अंदर के रावण का नाश करने के लिए.

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विजयदशमी (दशहरे) से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां – 

विजयदशमी (दशहरे) जैसे धार्मिक महत्व वाले दिन कुछ असामाजिक तत्व के लोग मदिरापान का सेवन कर लोगों को परेशान करते हैं, कुछ गंदे मानसिकता वाले लोग भीड़ का फायदा उठाते हुए चोरी और छेड़-छाड़ जैसे शर्मनाक हरकत करते हैं, अगर समाज में दशहरा के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दशहरा का पर्व वास्तव में आनंदमय हो जाएगा,और सभी खुशी और उत्साह के साथ दशहरे का त्यौहार मना सकते हैं.

दशहरा पर निबंध 10 लाइन

  • दशहरा हिन्दुओं में मनाया जाने वाला सबसे लोकप्रिय त्यौहार है, इसे पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है.
  • दशहरा रामायण के महाकाव्य में राक्षस के राजा रावण और भगवान श्री राम की जीत का प्रतीक है.
  • संस्कृत में दशहरा शब्द का अर्थ 10 बुराइयों से छुटकारा मिलना होता है.
  • दशहरा को हिंदू धर्म में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने वाले त्यौहार के रूप में मनाया जाता है.
  • दशहरा ना सिर्फ हिंदुओं का त्यौहार होता है, बल्कि देश के अन्य धर्मों में भी दशहरे के त्यौहार को विधि पूर्वक मनाया जाता है.
  • दशहरे को नवरात्रि उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, साथ ही दशहरे को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है.
  • दशहरे के दिन रामलीला जैसे नाटक का आयोजन किया जाता है, जो रामायण से संबंधित होता है.
  • दशहरे के दिन रावण कुंभकरण और मेघनाथ जैसे राक्षसों का पुतला जलाकर इस त्यौहार को मनाया जाता है.
  • 10 सिर वाले रावण को जलाते समय विस्फोटक पटाखों से आतिशबाजी की जाती है.
  • दशहरा भारतीय उपमहाद्वीप में लंकापति रावण की बर्बर भूमिका के अंत का प्रतीक है.

उपसंहार – 

हिन्दू धर्म ग्रंथ रामायण के अनुसार, ऐसा माना जाता है. कि मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये श्री राम ने चंडी होम कराया था. दशहरा को दुर्गोत्सव भी कहा जाता है, क्योंकि लोगों का ऐसा मानना है, कि उसी दसवें दिन माता दुर्गा ने भी महिषासुर नामक दुष्ट असुर का वध किया था. विजयादशमी का पर्व लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई पर अच्छाई की जित की ठीक लोगों के मन में नई चाह, और सकारात्मक ऊर्जा भी लेकर आता है. भगवान श्री राम ने रावण का अंत कर बुराई पर विजय प्राप्त की, और माँ दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का अंत किया था 9 दिन देवी माँ के पूजा अर्चना के बाद दशहरा (विजयादशमी) आती है, इस दिन सभी के घरों में अच्छे और स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं.

आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको Dussehra Essay in Hindi – दशहरे पर निबंध (dussehra par nibandh) की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.

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जैसा कि हम सभी जानते हैं, दशहरा हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, इसके अलावा, दशहरा सबसे लंबे दिनों तक चलने वाले त्योहारों में से एक है, पूरे देश में लोग बड़े उत्साह और प्रेम के साथ दशहरा मानते हैं, दशहरा (Dussehra) को भारत के कई प्रान्त में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है, दशहरा का पावन समय सभी के लिए खुशी मनाने का समय होता है, छात्रों को इस त्योहार का पूरा आनंद लेने के लिए अपने स्कूलों और कॉलेजों से दस दिन की लंबी छुट्टियां भी मिलती हैं, जिसका छात्र भरपूर आनंद उठाते हैं, बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे, और उन्हें दशहरा के बारे में पूर्ण जानकारी भी मिल सके, दशहरा पर निबंध (dussehra par nibandh) के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि दशहरा क्यों और कैसे मनाया जाता है.

प्रस्तावना - 

दशहरा दिवाली से दो या तीन हफ्ते पहले मनाया है, विजयदशमी का यह त्यौहार आमतौर पर प्रत्येक वर्ष सितंबर से अक्टूबर के आसपास आता है, हिन्दू पंचांग के अनुसार यह पर्व आश्विन मास में मनाया जाता है, सनातन/हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी लोगों को दशहरा त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है, दशहरा का त्यौहार सभी के लिए खुशी मनाने का समय लेकर आता है. परिवार के सभी लोग मिलकर पूजा के लिए तैयारी करते हैं.

दशहरे से संबंधित पौराणिक कथाएं - 

दशहरा शब्द दो हिंदी शब्दों ‘दस' और 'हारा ' से मिलकर बना हुआ है, जहाँ दस का अर्थ 10 मुख वाले रावण से है, और हारा का मतलब सत्यानाश/पराजित है, इसलिए यदि इन दो शब्दों को जोड़ दिया जाए तो 'दशहरा' बनता है, जो उस दिन का प्रतीक है, जब दस सिर वाले दुष्ट रावण का भगवान राम ने वध किया था, और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी, दशहरा को भारत के कुछ क्षेत्रों में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है, यदि हम क्षेत्रीय और जातीय मतभेदों को अलग रखकर विचार करें, तो इस त्योहार के आयोजनों का एक ही मकसद है, यानी बुराई पर अच्छाई की जीत का सन्देश देना होता है. दूसरे शब्दों में, यह त्योहार बुराई की शक्ति पर अच्छाई की शक्ति की जीत का प्रतीक माना जाता है, अगर हिंदू पौराणिक कथाओं कि मानो तो कहा जाता है, कि इसी दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध कर दिया था, अन्य परंपराओं का यह भी मानना है, कि भगवान राम ने दशहरा के दिन ही असुरों के महान राजा 10 मुख अर्थात रावण से युद्ध कर उसका वध कर यह सिद्ध किया था. कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों ना हो लेकिन जीत हमेशा सत्य की की ही होती है.

दशहरा समारोह मनाने का कारण

पूरे भारत में लोग दशहरा को बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाते हैं, विभिन्न संस्कृतियां होने के बावजूद त्योहार के उत्साह को प्रभावित नहीं करती हैं, दशहरा (विजयदशमी) के पूरे त्योहार में सभी का उत्साह और जोश एक समान रहता है, विजयदशमी के अवसर पर, बंगाली बिजॉय दशमी मनाते हैं, जो दुर्गा पूजा के दसवें दिन का प्रतीक है, इस दिन, देवी की मूर्तियों को नदी में विसर्जित करने के लिए जुलूस के साथ ले जाया जाता है, और विसर्जन किया जाता है, विवाहित महिलाएं भी एक-दूसरे के चेहरे पर सिंदूर लगाती हैं, जबकि अन्य स्त्रियां बधाई का आदान-प्रदान करती हैं, और एक दूसरे को दावत देती हैं, कुछ जगहों पर इसी दिन शस्त्र पूजा करने की भी परंपरा है,ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है, जिसकी जानकारी प्रत्येक बच्चे को होनी चाहिये, ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण में ऐसा उल्लेख किया गया है, कि भगवान राम ने रावण का वध करने के लिए देवी चंडी की पूजा की थी, जिसके बाद ही अमरता का वरदान प्राप्त रावण वध करना संभव हो सका था.

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रामलीला का आयोजन

हिंदू धर्म में दशहरा राक्षसों के राजा रावण (दस मुख) पर भगवान राम की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, लोग दशहरा को दस दिनों तक उनके बीच हुए युद्ध को नाटक के रूप में ज्ञान और मनोरंजन के लिए रामलीला नाटक को प्रस्तुत करते हैं, उत्तर भारत में लोग मुखौटे पहनकर और विभिन्न नृत्य रूपों के माध्यम से राम-लीला का आयोजन करते हैं, साथ ही रामलीला का लुफ्त भी उठाते हैं.

रावण दहन

रामायण में कथित छंद का पालन करते हुए, रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण जैसे तीन बड़े राक्षसों के विशाल आकार के पुतले बनाए जाते हैं, इसके बाद पुतलों को जलाने के लिए उनमे विस्फोटक पटाखे से भरा जाता है, और जमकर आतिशबाजी की जाती है, एक आदमी भगवान राम की भूमिका निभाता है, और जलाने के लिए पुतलों पर आग लगे हुए तीर चलाता है, लोग आमतौर पर किसी मुख्य अतिथि को भगवान राम की भूमिका निभाने और उस पुतले को जलाने के लिए आमंत्रित करते हैं, यह आयोजन हजारों दर्शकों के उपस्थिति में खुले मैदान में सुरक्षा को ध्यान में रख कर किया जाता है, हर उम्र के लोग इस मेले का लुत्फ उठाने के लिए यहाँ उपस्थित होते हैं, बच्चे इस आयोजन का सबसे ज्यादा इंतजार करते हैं, और अपने माता-पिता से आतिशबाजी को देखने के लिए ले जाने की जिद करते हैं,दशहरा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व होता है, ना सिर्फ हिंदू बल्कि सभी धर्मों के लोग रावण दहन को देखने के लिए आते हैं रावण दहन का यह कार्यक्रम लोगों को मैदान में एक साथ एकत्रित करता है, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है, कि दशहरा हमें सिखाता है, बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों ना हो अच्छाई एक ना एक दिन उसे मात दे ही देती है और प्रकाश हमेशा अंधेरे पर विजय प्राप्त करता है.

दशहरे से सीख

हम सब मैदान में एकत्रित होकर रावण का पुतला जला कर यह तो साबित कर देते हैं, कि सच्चाई हमेशा बुराई पर हावी होती है, लेकिन अपने अंदर के बुराई को खत्म करने के बारे में नहीं सोचते, विजयादशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक पर्व है, लोगो को इस दिन अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त कर खुशी के साथ यह पर्व मनाना चाहिए, वो सतयुग का दौर था, जिसमें केवल एक रावण था, जिसपर भगवान राम ने विजय प्राप्त की थी पर यह तो कलयुग है, जिसमे हर घर में रावण छुपा बैठा है, इतने रावण पर विजय प्राप्त करना आसान नहीं है, जिस प्रकार एक दीपक की रौशनी अंधकार का नाश करने के लिए अधिक होती है, ठीक उसी प्रकार एक अच्छी विचारधारा वाली सोच यह हमारे लिए बहुत है, अपने अंदर के रावण का नाश करने के लिए.

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विजयदशमी (दशहरे) से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

विजयदशमी (दशहरे) जैसे धार्मिक महत्व वाले दिन कुछ असामाजिक तत्व के लोग मदिरापान का सेवन कर लोगों को परेशान करते हैं, कुछ गंदे मानसिकता वाले लोग भीड़ का फायदा उठाते हुए चोरी और छेड़-छाड़ जैसे शर्मनाक हरकत करते हैं, अगर समाज में दशहरा के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दशहरा का पर्व वास्तव में आनंदमय हो जाएगा,और सभी खुशी और उत्साह के साथ दशहरे का त्यौहार मना सकते हैं.

दशहरा पर निबंध 10 लाइन

  • दशहरा हिन्दुओं में मनाया जाने वाला सबसे लोकप्रिय त्यौहार है, इसे पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है.
  • दशहरा रामायण के महाकाव्य में राक्षस के राजा रावण और भगवान श्री राम की जीत का प्रतीक है.
  • संस्कृत में दशहरा शब्द का अर्थ 10 बुराइयों से छुटकारा मिलना होता है.
  • दशहरा को हिंदू धर्म में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने वाले त्यौहार के रूप में मनाया जाता है.
  • दशहरा ना सिर्फ हिंदुओं का त्यौहार होता है, बल्कि देश के अन्य धर्मों में भी दशहरे के त्यौहार को विधि पूर्वक मनाया जाता है.
  • दशहरे को नवरात्रि उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, साथ ही दशहरे को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है.
  • दशहरे के दिन रामलीला जैसे नाटक का आयोजन किया जाता है, जो रामायण से संबंधित होता है.
  • दशहरे के दिन रावण कुंभकरण और मेघनाथ जैसे राक्षसों का पुतला जलाकर इस त्यौहार को मनाया जाता है.
  • 10 सिर वाले रावण को जलाते समय विस्फोटक पटाखों से आतिशबाजी की जाती है.
  • दशहरा भारतीय उपमहाद्वीप में लंकापति रावण की बर्बर भूमिका के अंत का प्रतीक है.

उपसंहार - 

हिन्दू धर्म ग्रंथ रामायण के अनुसार, ऐसा माना जाता है. कि मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिये श्री राम ने चंडी होम कराया था. दशहरा को दुर्गोत्सव भी कहा जाता है, क्योंकि लोगों का ऐसा मानना है, कि उसी दसवें दिन माता दुर्गा ने भी महिषासुर नामक दुष्ट असुर का वध किया था. विजयादशमी का पर्व लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई पर अच्छाई की जित की ठीक लोगों के मन में नई चाह, और सकारात्मक ऊर्जा भी लेकर आता है. भगवान श्री राम ने रावण का अंत कर बुराई पर विजय प्राप्त की, और माँ दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का अंत किया था 9 दिन देवी माँ के पूजा अर्चना के बाद दशहरा (विजयादशमी) आती है, इस दिन सभी के घरों में अच्छे और स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं.

आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको Dussehra Essay in Hindi - दशहरे पर निबंध (dussehra par nibandh) की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.