आज हम आपको आरटीओ (RTO) ऑफिसर कैसे बने ? आरटीओ (RTO) ऑफिसर के कार्य क्या है ? आरटीओ (RTO) ऑफीसर की सैलेरी कितनी होती है? आरटीओ (RTO) ऑफिसर बनने के लिए योग्यता के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
आरटीओ (RTO) का पूरा नाम ‘Regional Transport Office”होता है. प्रत्येक राज्य के प्रत्येक शहर में आरटीओ ऑफिस होती है, जो मोटर व्हीकल अधिनियम के अनुसार काम करता है. साथ ही मोटर व्हीकल अधिनियम में वर्णित सभी कार्यो का निस्तारण आरटीओ अधिकारी का कर्तव्य होता है, जिसमे व्हीकल रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस, डेटाबेस मैनेजमेंट आदि शामिल है. आरटीओ अधिकारी का चयन राज्य सिविल सेवा परीक्षा के आधार पर होता है, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीओ) एक भारतीय सरकार का संगठन है. एक आरटीओ अधिकारी ही होता है, जो ड्राइवरों के डेटाबेस को बनाए रखने और भारत के विभिन्न राज्यों के लिए वाहनों के डेटाबेस को बनाए रखने का काम करते है. जैसे- सड़क पर नजर आने वाली सभी गाड़ियों के लिए पंजीकरण भारत सरकार के एक विभाग द्वारा की जाती है.
RTO Kya Hai आरटीओ (RTO) ऑफिसर कैसे बने ?
आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए डायरेक्ट भर्ती नहीं आयोजित की जाती है आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए सबसे पहले MVI या ARTO के लिए फॉर्म अप्लाई करना पड़ता है इसकी भर्ती राज्य एवं लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित की जाती है. इसमें लगभग क्वालीफिकेशन ग्रेजुएशन किए हुए विद्यार्थियों की होती है, परंतु कुछ राज्यों में ऑटोमोबाइल या मेकेनिकल विषयों में डिप्लोमा होल्डर को भी मौका दे दिया जाता है. इस आयोजित परीक्षा को देने के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 21-30 साल होती है. साथ ही सरकारी नियमों के अनुसार अधिकतम उम्र में छूट दी जाती है. जब आप कुछ साल MVI या ARTO के पद पर काम कर लेते हैं, तो उसके बाद प्रमोट होकर ही RTO ऑफिसर बन सकते हैं. आरटीओ ऑफिसर की पोस्ट एक बिग्रेड की पोस्ट होती है. जिसमें आरटीओ ऑफिसर अपने कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वाहनों का पंजीयन, इंश्योरेंस, लाइसेंस जारी करना, डेटाबेस रखना जैसे काम करता है.
आरटीओ (RTO) ऑफिसर के कार्य क्या है ?
आरटीओ(RTO) ऑफिसर के अनेक कार्य होते हैं जो नीचे निम्न रूप में दिए गए हैं:-
- आरटीओ ऑफीसर ही नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन करता है.
- आरटीओ अफसर ही कमर्शियल गाड़ियों के लिए परमिट जारी करता है.
- जो लोग गाड़ी चलाने का लाइसेंस लेना चाहते हैं उनका लाइसेंस आरटीओ ऑफिसर द्वारा ही जारी किया जाता है.
- लाइसेंस का नवीनीकरण आरटीओ ऑफिसर ही करता है.
- अपने शहर की सभी गाड़ियों का रिकॉर्ड आरटीओ ऑफिसर के पास होता है.
- आरटीओ ऑफिसर ही Motor Vehicle Tax वसूल करता है .
- आरटीओ ऑफिस से ही गाड़ियों के इन्श्योरेंस की जांच करता है.
- आरटीओ ऑफिस से ही कोई दुर्घटना होने पर ये जांच करना कि गाड़ी कितनी डैमेज हुई है.
आरटीओ (RTO) ऑफिसर बनने के लिए योग्यता?
आरटीओ ऑफिसर बनने वाले विद्यार्थी को किसी भी स्ट्रीम से मान्यता प्राप्त विद्यालय तथा संस्थान से ग्रेजुएट (Graduation) होना आवश्यक होता है, इस पद के लिए आवेदन करने में महिलाएं व पुरुष दोनो ही शामिल हो सकते है. यह एक सामान्य योग्यता है, जो कि राज्य सिविल चयन आयोग पर निर्भर करती है.
आरटीओ (RTO) ऑफीसर की सैलेरी कितनी होती है?
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सैलरी व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुसार दी जाती है ऐसे ही प्रत्येक क्षेत्र में प्रत्येक योग्यता वाले लोग होते हैं जिन्हें उनके योग्यता के अनुसार सैलरी दी जाती है उसी प्रकार RTO Officer की भी रैंक अलग-अलग प्रकार की होती है, जिनकी मासिक वेतन 20 हजार रुपए से लेकर 40 हजार रुपए तक के बीच में होती है.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको आरटीओ (RTO) क्या होता है? की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए : –
बुध ग्रह(Mercury), बुध ग्रह को कब देखा जा सकता है?
बृहस्पति ग्रह। वृहस्पति ग्रह की खोज कब और किसने की थी?
शनि ग्रह। शनि ठंडा ग्रह क्यों है?
अरुण ग्रह क्या है? अरुण को लेटा हुआ ग्रह क्यों कहते हैं?
झील किसे कहते हैं? भारत की प्रमुख झीलें
दर्रा किसे कहते हैं? भारत के प्रमुख दर्रे
सीडीपीओ किसे कहते हैं? CDPO कैसे बने? CDPO ऑफिसर बनने के लिए क्या-क्या योग्यताएं होनी चाहिए?