आज हम आपको आर एस एस (RSS) क्या है? राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना कब और किसने की थी? RSS की शाखाएँ? RSS में जुड़ने से फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
आर एस एस (RSS) का पूरा नाम “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” है, यह भारत का दक्षिणपंथी, हिंदू राष्ट्रवादी, अर्धसैनिक स्वयंसेवक संगठन है, जो व्यापक रूप से भारत के सत्तारूढ़ि कल भारतीय जनता पार्टी का एक संगठन माना जाता है, आर्य सर पूरे विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है, इसका मुख्य उद्देश्य भारत को विश्व शक्ति और परम वैभव बनाना है, साथ ही इस संघ का निर्माण खोये हुए संस्कार और बच्चों को हिन्दू संस्कार देने के लिए किया गया है, और यह प्राकृतिक आपदाओं के आने पर सभी धर्म के लोगों की बढ़ चढ़कर सहायता करता है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना कब और किसने की थी?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 में विजयादशमी के दिन “डॉ केशवराव बलीराम हेडगेवार” द्वारा की गई थी, और यही कारण है कि विजयादशमी का त्यौहार इस संघ द्वारा बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है यह संघ लोगों में इतना व्यापक हुआ कि आज यह दुनिया का सबसे बड़ा संघ माना जाता है आरएसएस संघ में दुनिया के लगभग 80 से अधिक देश शामिल है तथा इस संघ की 56000 से भी अधिक शाखाएं हैं वर्तमान समय में आर एस एस का मुख्यालय नागपुर और महाराष्ट्र में स्थित है.
इस संघ के स्थापना के 50 वर्ष के बाद ही सन 1975 में पूरे देश में आपातकाल घोषित कर दिया गया था, उस समय संघ के सभी अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एकजुट होने पर रोक लगा दी थी. आपातकाल के हटते ही यह संघ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गयी और केंद्र में “मोरारजी देसाई” के प्रतिनिधित्व में मिली-जुली सरकार बनी.
1975 के बाद धीरे-धीरे इसका राजनीतिक महत्व बढ़ता गया और इसका झुकाव भारतीय जनता पार्टी जैसे राजनीतिक दल के रूप में हुआ. जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की गई थी तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारत का राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार करने से मना कर दिया था. संघ ने अपने मुख-पत्र में “ऑर्गनाइजर” के 17 जुलाई 1947 के “राष्ट्रीय ध्वज” शीर्षक वाले संपादकीय में “भगवा ध्वज” को राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार करने की मांग की थी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखाएँ?
आरएसएस की शाखा किसी कमरे में नहीं, बल्कि खुले मैदान या खुली गजह में प्रतिदिन 1 घंटे लगाई जाती है. इसमें विभिन्न प्रकार भी गतिविधियाँ जैसे- व्यायाम, परेड, सूर्य नमस्कार, प्रार्थना और गीत आदि को कराया जाता है. आरएसएस में शाखाएँ निम्न प्रकार की होती है:
- प्रभात शाखा
- सायं शाखा
- रात्रि शाखा
- मिलन
- संघ-मण्डली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में जुड़ने से फायदे?
मोहन भागवत के अनुसार- RSS में किसी भी व्यक्ति को कोई फायदा नही होता है, क्योंकि RSS एक लाभकारी संगठन नही बल्कि यह ऐसा संगठन है जिसमें केवल वही लोग ही जुड़ सकते है, जो समाज और राष्ट्र सेवा करके पुण्य प्राप्त करना चाहते हो. अगर आप भी राष्ट्र सेवा करना चाहते हैं, तो आप RSS में जुड़ सकते हैं, यह हमारे देश और हिंदू समाज के लिए भी बहुत फायदेमंद हो सकता है. इस संघ में जुड़ने से आपको बहुत से फायदे होंगे जैसा कि आपके विचार भारत देश की संस्कृति के प्रति और अधिक विकसित होगा. साथ ही आपके मन में कई अनेक भावनाएं उत्पन्न होंगी, जो नीचे निम्न रूप में दी गई हैं
- RSS में जुड़ने के बाद आप जाति भेदभाव को भूल जायेंगे.
- RSS में जुड़ने से आप सीखेंगे की प्राकृतिक आपदाओं में कैसे लोगों की सहायता की जाए.
- RSS में जुड़ने के बाद आपको अपनी महान संस्कृति और इतिहास पर गर्व होगा.
- RSS में जुड़ने के बाद आपका रोलमॉडल बॉलीवुड की हस्ती से स्वतंत्र सेनानी में चला जायेगा.
- RSS में जुड़ने के बाद अगर आप रोज़ाना आरएसएस शाखा में जा रहे है, तो आप रोज़ाना नये लोगों से मिलेंगे.
- RSS में जुड़ने के बाद रोजाना व्यायाम करने से आपका शारीर स्वस्थ रहेगा.
- RSS में जुड़ने के बाद आपके मन में राष्ट्रवादी और देश भक्ति की भावना जागृत हो जाती है.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको RSS क्या है? की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
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