आज हम आपको ” हिमालय का निर्माण कैसे हुआ? और हिमालय पर्वत कौन से राज्य में स्थित है? ” के बारे में बताने जा रहे हैं. कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें. और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
हिमालय पर्वत प्राचीन समय से ही भारत में स्थित पर्वत श्रृंखला रहा है, और विश्व का सबसे बड़ा पर्वत होने के कारण इसे पर्वतों का राजा भी कहा जाता है, कालिदास तो हिमालय को पृथ्वी का मानदंड मानते हैं, हिमालय की पर्वत श्रंखलाएँ शिवलिंग के समान दिखाई देती हैं, और यही कारण है, कि सदियों से हिमालय की गुफाओं में ऋषि-मुनियों का वास रहा है, और वे यहाँ समाधिस्थ होकर तपस्या करते हैं. हिमालय उत्तराखंड के कारण आध्यात्म चेतना का ध्रुव केंद्र भी माना जाता है, क्योंकि इस “हिमालयानाम् नगाधिराजः पर्वतः” का हृदय कहाने का ईश्वर अपने सारे ऐश्वर्य- खूबसूरती के साथ वहाँ विद्यमान है, ‘हिमालय अनेक रत्नों का जन्मदाता है, साथ ही उसकी पर्वत-श्रंखलाओं में जीवन औषधियाँ उत्पन्न होती हैं, वह पृथ्वी में रहकर भी स्वर्ग है. हिमालय पर्वत को एक तंत्र माना जाता है क्योंकि यह भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है. यह पर्वत मुख्य रूप से तीन समांतर श्रेणीओ से मिलकर बना है महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक, जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैली हैं. इस चाप का उभार दक्षिण की ओर अर्थात उत्तरी भारत के मैदान की ओर है और केन्द्र तिब्बत के पठार की ओर माना जाता है. इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा एक और श्रेणी है जिसे उत्तरी श्रेणी हिमालय या ट्रांस हिमालय भी कहा जाता है, जिसमें कराकोरम तथा कैलाश श्रेणियाँ भी शामिल है. साथ ही हिमालय पर्वत 7 देशों की सीमाओं में फैला हैं. जिनके नाम नीचे निम्न रूप में दिए गए हैं:-
- पाकिस्तान
- अफगानिस्तान
- भारत
- नेपाल
- भूटान
- चीन
- म्यांमार
हिमालय का निर्माण कैसे हुआ ?
जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि पर्वतों का निर्माण पृथ्वी की आंतरिक हलचलो के कारण ही होता है, हिमालय पर्वत का निर्माण पृथ्वी आंतरिक हलचलो के कारण अंगारा व गोंडवाना एक दूसरे की ओर खिसकने से हुआ है. जब दोनों एक-दूसरे की ओर खिसकने लगे तो दोनों ओर के दबाव के कारण सागर में तलहटी मलबे में मोड पड़ने लगी, और यही मलवा मोड़दार पर्वत के रूप में ऊपर उठता गया. जिससे संसार के सबसे ऊँचे पर्वत हिमालय का निर्माण हुआ.
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
हिमालय पर्वत में लगभग 15 हजार से ज्यादा हिमनद हैं, जो कि लगभग 12 हजार वर्ग किलॊमीटर में फैले हुए हैं. 72 किलोमीटर लंबा सियाचिन हिमनद विश्व का दूसरा सबसे लंबा हिमनद है. हिमालय से कई नदियां निकली है, जिनके नाम कुछ इस प्रकार हैं, नदियाँ सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज आदि, और कुछ सहायक नदियां भी हैं, जैसे नर्मदा, कावेरी और महानदी आदि.
हिमालय का महत्व
हिमालय की विशाल पर्वतमाला साइबेरियाई शीतल जलवायु को रोक कर भारतीय उपमहाद्वीप को जाड़ों में आधिक ठण्ढा होने से बचाती हैं. साथ ही वर्षा में मानसून की हवाओ को रोकर वर्षा कराती है.
भारत को हिमालय पर्वत से कई प्रकार के लाभ होते हैं. और अगर सुरक्षा की बात की जाए तो हिमालय उत्तर मे स्थित देशो के आक्रमण से हमें सुरक्षा प्रदान करता है.
इन सबके अतिरिक्त हिमालय से निकलने वाली नदी हमें जीवन देती है, क्योकि जल ही जीवन है. हिमालय के विशाल आकर के कारण इसके निकट वाले क्षेत्र पर वर्षा अधिक होता है, जिससे किसानो को फायदा होता है.
हिमालय पर्वत कौन से राज्य में स्थित है?
हिमालय पर्वत भारत के कुल 11 राज्यों तक फैला हुआ है जिनके नाम नीचे निम्न रूप में दिए गए हैं:-
- जम्मू कश्मीर
- हिमाचल प्रदेश
- उत्तराखण्ड
- सिक्किम
- अरुणाचल
- मणिपुर
- मिजोरम
- त्रिपुरा
- मेघालय
- नागालैण्ड
- असम
हिमालय पर्वत से जुड़े तथ्य
हिमालय पर्वत से जुड़े हुए कुछ मुख्य तथ्य है, जो नीचे निम्नलिखित रुप में दिए गए हैं, कुछ इस प्रकार:-
- हिमालय पर्वत का क्षेत्रफल 595,000 km² है.
- माउंट एवरेस्ट की उचाई 8848 मीटर है.
- माउंट एवेरेस्ट का नेपाली सागरमाथा है.
- एडमंड हिलेरी माउंट एवरेस्ट में सबसे जाने वाले व्यक्ति है.
- माउंट एवरेस्ट को संस्कृत में देवगिरि कहते है.
- हिमालय पर्वत भारत और चीन के बीच फैला है, काले पर्वत का अधिकतर भाग नेपाल के क्षेत्र में आता है.
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको हिमालय पर्वत की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा. अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
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