आज हम आपको राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है के बारे में बताने जा रहे हैं। कृपया पूर्ण जानकारी के लिए इस ब्लॉग को अवश्य पढ़ें। और अन्य जानकारी के लिए नव जगत के साथ बने रहे.
राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के द्वारा आयोजित किया जाता है जो निम्न है:-
- संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति का चुनाव कर सकते हैं.
- राज्यों की विधानसभाओं तथा दिल्ली एवं पुदुच्चेरी संघ राज्य क्षेत्र की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति का चुनाव कर सकते हैं.
राष्ट्रपति का कार्यकाल
भारत में राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल के लिए होता है परंतु राष्ट्रपति के मृत्यु होने के बाद त्यागपत्र देने पर पद खाली हो सकता है. ऐसे में उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र दे सकता है.
इसके अलावा अगर राष्ट्रपति संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है. तो राष्ट्रपति को सांसद द्वारा महाभियोग की प्रक्रिया के दौरान निकाला भी जा सकता है. राष्ट्रपति को निकालने का प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में रखना अनिवार्य होता है.
राष्ट्रपति के चुनाव के लिए पात्रता
- राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के लिए भाग लेने वाले व्यक्ति को भारत का नागरिक होना आवश्यक है.
- राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेने वाले व्यक्ति की आयु 35 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए.
- चुनाव में भाग लेने वाले व्यक्ति को किसी भी सरकारी पद पर नहीं होना चाहिए. ना ही वह सरकार की किसी सरकारी पद का लाभ प्राप्त करता हो..
- चुनाव में भाग लेने वाले व्यक्ति को दिवालिया घोषित न किया गया हो. तथा वह मानसिक रूप से पूर्णतया स्वस्थ होना चाहिए.
राष्ट्रपति की शक्तियाँ व कार्य
भारत सरकार के राष्ट्रपति की शक्तियां निम्न है:-
● भारत में बनने वाले प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति द्वारा ही नियुक्त किया जाता है.
● राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर ही अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है. और उसके बाद उन सभी मंत्रियों के विभागों का बंटवारा करता है.
● राष्ट्रपति के द्वारा ही उच्चतम राज्यपालों और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाती है.
● निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं अन्य आयुक्तों, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का चुनाव राष्ट्रपति के द्वारा ही किया जाता है.
राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियाँ
आपात परिस्थितियों में राष्ट्रपति किन-किन आपात को लागू कर सकता है निम्न:-
राष्ट्रीय आपात- युद्ध, पाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति से सलाह लेकर राष्ट्रीय आपात घोषित कर सकता है
राष्ट्रपति शासन- राज्यों में संवैधानिक तंत्र विफल होने पर राष्ट्रपति अपनी शासन शक्ति का प्रयोग कर सकता है.
वित्तीय आपात- वित्तीय आपात को वित्तीय संकट के समय में लागू किया जाता है इसे सिर्फ राष्ट्रपति ही लागू कर सकता है.
भारत के राष्ट्रपति का वेतन
भारत के राष्ट्रपति का वेतन 5 लाख रूपये मासिक है और सेवानिवृत्त होने के बाद मासिक पेंशन 1 लाख रूपये प्राप्त होती है।
आशा करते हैं कि यह ब्लॉग आपको राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है की पूर्ण जानकारी प्रदान करने में समर्थ रहा। अन्य महत्वपूर्ण और रोचक जानकारी के लिए हमारे अन्य ब्लॉग को अवश्य पढ़ें.
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