क्या होती है नागरिकता? कैसे बनता है कोई भी किसी देश का नागरिक?
नागरिकता का अर्थ (nagrikta kya hai)
Hindi definition of “nagrikta”; नागरिकता की अवधारणा सार्वभौमिक स्वरूप ले चुकी है, अतः यह स्पष्ट है कि नागरिकता वह स्थित है। जिसमे व्यक्ति किसी राजनीतिक समुदाय का सदस्य होता है और सार्वजनिक जीवन मे भाग लेता है। नागरिक एक ऐसा व्यक्ति होता है जो राज्य के प्रति निष्ठा रखता है तथा राज्य द्वारा उसे संरक्षण प्राप्त होता है।
कैसे बनता है कोई भी किसी देश का नागरिक? What are the steps to becoming a citizen of any nation?
हर कोई किसी न किसी देश में रह रहा है। लिहाजा वो संबंधित देश का नागरिक कहलाएगा। नागरिकता का अगर संधि विच्छेद किया जाए तो वो नागरिक + ता से बना है। यानी नागरिक या लोग और उनको मिलने वाले अधिकार से है। नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण संबंधित देश करता है। अधिकार के साथ-साथ नागरिक के कुछ कर्तव्य भी है।
नागरिकता कितनी तरह की होती है? What different citizenships are there?
नागरिकता दो तरह की होती है। एक तो जन्मजात और दूसरी स्वाभाविक। जन्मजात नागरिकता वो होती है, जो आपको तभी मिल जाती है, जब आप किसी देश में जन्म ले लेते हैं, लेकिन इसके लिए आपके रिश्तेदार उसी देश के नागरिक होने जरूरी है।
दूसरी नागरिकता होती है स्वाभाविक नागरिकता। मसलन, वो नागरिक जो वैसे तो विदेश में रहते थे, लेकिन जिन्हें कुछ नियमों का पालन करने के बाद संबंधित देश की नागरिकता हासिल हो जाती है।
भारत में कैसे नागरिकता मिल सकती है? How can I become a citizen of India?
- जन्म से नागरिकता : अर्थात अगर कोई भारत में जन्मा हो, तो वह भारतीय नागरिक कहलाएगा, यद्यपि उसके परिजन संबंधित देश के नागरिक हो।
- रजिस्ट्रेशन से नागरिकता : वो पैदा कही भी हुआ हो, लेकिन अगर वो शख्स सात साल से भारत में रह रहा है तो वो रजिस्ट्रेशन के आधार पर भारतीय नागरिकता अप्लाई कर सकता है।
- वंशज के जरिए नागरिकता: इसका अर्थ ये है कि उसके माता-पिता भारत में कई सालों से रहे हो। वो यहां के वशंज हो, लेकिन घर का दूसरा सदस्य किसी अन्य देश में रह रहा हो तो उस व्यक्ति को भी भारतीय नागरिकता मिल सकती है।
- 12 साल रहने की शर्त: कोई भी व्यक्ति अगर 12 साल तक भारत में रहे और नागरिकता के लिए आवेदन से पहले लगातार एक साल तक भारत में रहा हो उसे भारतीय नागरिकता हासिल हो सकती है।
कैसे खत्म हो सकती है नागरिकता? की बर्खास्तगी? How does being a citizen end?
नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा-9 में किसी व्यक्ति की नागरिकता खत्म करने के बारे में बताया गया है।
- यदि कोई भारतीय नागरिक अपनी मर्जी से किसी और देश की नागरिकता ग्रहण कर ले तो उसकी भारतीय नागरिकता खत्म हो जाएगी।
7 वर्षों तक भारत से बाहर रहने वाले की नागरिकता हो सकती है खत्म – नागरिक 7 वर्षों से लगातार भारत से बाहर रह रहा हो तो वो नागरिकता खत्म करने की गुजारिश कर सकता है।
अवैध तरीके से भारतीय नागरिकता प्राप्त की हो – यदि ये साबित हो जाए कि व्यक्ति ने अवैध तरीके से भारतीय नागरिकता प्राप्त की, तो इसे समाप्त किया जा सकता है।
संविधान का पालन करना होगा – संविधान का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति की नागरिकता कैंसल की जा सकती है।
कितने प्रकार की होती है नागरिकता?
1- राष्ट्रीय नागरिकता
नागरिकता की बात करते ही सबसे पहले कोई व्यक्ति और वह किस विशेष देश, राज्य या शहर का नागरिक है यही दिमाग में आता है। आम तौर पर यह एक व्यक्ति और उसके निवास स्थान के बीच सम्बन्ध के रूप में देखा जाता है। राष्ट्रीयता एक व्यक्ति को कुछ अधिकरों और कर्तव्यों को प्रदान करती है। किसी व्यक्ति की राष्ट्रीयता से उसकी जन्मभूमि का पता चलता है साथ ही साथ यह पता चलता है कि व्यक्ति किस मूल का है। एक राष्ट्र अपने नागरिकों को विदेशी आक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है जिसके बदले में वह नागरिकों से यह उम्मीद करता है कि राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का भी पालन करें।
2- अंतरराष्ट्रीय नागरिकता
बहुत से लोग पारिवारिक कारणों या खुद अपना देश छोड़कर दूसरे देश में कामकाज या अन्य वजहों के चलते वहीं बस जाते है। जब कोई व्यक्ति अपना देश छोड़कर (जहां उसका जन्म हुआ हो) दूसरे देश में रहने लगता है, जिसके लिए कुछ अहम कानूनी प्रक्रिया का पालम करना पड़ता है, तब उस व्यक्ति को अंतरराष्ट्रीय नागरिकता मिलती है।
राष्ट्रीयता और नागरिकता के बीच कुछ प्रमुख अंतर-
- राष्ट्रीयता उस स्थान या देश के बारे में बताती हैं जहाँ पर व्यक्ति का जन्म होता है, जबकि नागरिकता सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।
- राष्ट्रीयता एक व्यक्तिगत सदस्यता है, जिसे व्यक्ति को देश में जन्म के साथ ही मिल जाती है। वहीं, नागरिकता एक राजनीतिक/कानूनी स्थिति है, जो कि किसी व्यक्ति को कुछ औपचारिकताओं को पूरा करने पर दी जाती है।
- राष्ट्रीयता का मूल कारक देशज या जातीय होता है, जबकि नागरिकता की अवधारणा कानूनी या न्यायिक प्रकृति की होती है।
दुनिया के वो देश जिनकी नागरिकता पाना है बेहद आसान
अपना देश छोड़कर किसी अन्य देश में रहने के लिए तमाम कागजी कार्यों को पूरा करना पड़ता है। दुनिया के तमाम देशों में कुछ देश ऐसे हैं जहां लोग भिन-भिन कारणों के चलते लोग वहां हमेशा के लिए रहना चाहते हैं। ऐसे में नागरिकता पाने की उन्हें एक लम्बी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। कुछ देशों में तो यह प्रक्रिया बेहद मुश्किल होती कई बार तो यह भी बहुत प्रयास करने पर भी नहीं मिलती है। वहीं, कुछ देश ऐसे भी जहां की नागरिकता पाना बेहद आसान होता है।
आसान से नागरिकता देने वाले देश
आयरलैंड
आयरलैंड इस लिस्ट में सबसे ऊपर इस देश का पासपोर्ट और नागरिकता प्राप्त करना सबसे आसान है। अगर आपके परिवार का कोई शख्स आयरिश वंश (आयरलैंड का रहने वाला) का है। यानी आपके माता-पिता या दादी- दादा में से कोई एक आयरलैंड का है, तो बड़े आराम से आपको आयरलैंड की नागरिकता मिल सकती है। वहीं, यदि आप आयरिश वंश से संबंध नहीं रखते हैं, तब भी आप इस देश में लगातार एक साल रहकर नागरिकता ले सकते हैं। आपको बता दें कि आयरिश नागरिकता मिलने से आपको यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र और यूरोपीय संघ में रहने या काम करने का पूरा अधिकार मिल जाता है।
कनाडा
बहुत से ऐसे भारतीय नागरिक है, जो कनाडा में रहने चले जाते हैं। कनाडाई नागरिकता भी आसानी से प्राप्त हो जाती है, जिसके क्वालीफाई होने के लिए, आपके पास परमानेंट निवासी का दर्जा होना चाहिए। इसके अलावा, आप जिस दिन इसके लिए अप्लाई कर रहे हों आपको अपने उस तारीख से पहले पांच वर्षों में 1,095 दिनों तक कनाडा में रहना अनिवार्य होता है। साथ ही इस दौरान तक अपनी पर्सनल इनकम की टैक्स फाईलिंग का भी दायित्व निभाना होगा।
पुर्तगाल
नागरिकता प्राप्त करने के लिए पुर्तगाल भी सबसे आसान देशों में से एक है। इसकी प्रक्रिया एकदम सीधी और सटीक है। पुर्तगाल के नागरिक बनने के लिए आपको लगातार पांच साल तक यहां रहना होगा, जिसके बाद आप यहां कि नागरिकता के लिए आवेदन सकते हैं। बता दें कि पूरे पांच साल के दौरान आप लगातार 6 महीने से ज्यादा देश नहीं छोड़ सकते। इसकी आवेदन प्रक्रिया बहुत सरल है आप ऑनलाइन वर्कर वीजा के माध्यम से इसके लिए अप्लाई कर सकते है।
आर्मेनिया
वहीं, एक देश ऐसा है, जो केवल तीन वर्षों में अपनी नागरिकता देता है, वह आर्मेनिया देश है। अर्मेनियाई नागरिक बनने के लिए आपको देश में निवेश करना पड़ता है। इसके साथ ही आप अर्मेनियाई विश्वविद्यालय में दाखिला लेकर भी निवास के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं। अर्मेनिया में पर्याप्त समय बिताने के तीन साल बाद आप नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इन देशों के अलावा पनामा और डोमिनिक रिपब्लिक की नागरिकता हासिल करना बहुत सरल है।
दुनिया के वो देश जिनकी नागरिकता पाना सबसे कठिन
कई देश ऐसे हैं जहां कि नागरिकता पाने के लिए कई पापड़ बेलने पड़ते हैं। इन देशों में नागरिकता पाने की प्रक्रिया से लेकर वहां रहना बहुत मुश्किल है। अगर आपका सपना इन देशों में बसने का है, तो पहले ही अपनी कमर कस लीजिए क्योंकि ये आसन नहीं होने वाला है। बता दें कि दुनिया के जितने भी विकसित देश हैं वहां की नागरिकता लेना बहुत कठिन है।
इन देशों की लिस्ट में पृथ्वी का सबसे छोटा देश वेटिकन सिटी शामिल है। इसके बाद, ऑस्ट्रिया और स्विटजरलैंड के बीच एक छोटे, पहाड़ी देश लिकटेंस्टीन का नंबर आता है। वहीं, दुनिया के सबसे अलग-थलग देशों में से एक भूटान की नागरिकता पाना बहुत मुश्किल है। इसके साथ ही चीन में नागरिकता हासिल करने के इच्छुक विदेशियों के लिए लिए भी बता दें कि ड्रैगन को खुश करना भी बहुत मुश्किल है। वहीं, जापान नागरिकता पाने के लिए सबसे लंबी प्रक्रिया गुजरना पड़ता है।